वो ज़माना भी एक ज़माना था जब किसी के लिए मेरा दिल दीवाना था, मेरी किस्मत में लिखी थी जुदाई उनकी, उनसे click here for read more sad poetry
दिल दीवाना था, मेरी किस्मत में लिखी थी जुदाई उनकी, उनसे रूठ जाना तो एक बहाना था, उसने मुझे आज़माया बहुत है , जा जा कर मैंने मनाया बहुत है , बहुत प्यारा लगा था दिल को वो शख्स , जिसने मुझे रुलाया बहुत है , उसकी चाहत में दिल मज़बूर हो गया, बेवफाई तो उसका दस्तूर हो गया , कसूर उसका नहीं मेरा था, मैंने चाहा ही उसको इतना की उसको खुद पे गुरुर हो गया .
वो ज़माना भी एक ज़माना था जब किसी के लिए मेरा दिल दीवाना था, मेरी किस्मत में लिखी थी जुदाई उनकी, उनसे click here for read more sad poetry Read More